Simran Ansari

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रूहानी रिश्ता : भाग - 9

      उसके बाद अगले दिन समीरा तैयार होकर टाइम से बुक स्टाल पहुंच जाती है और अपना काम करने लगती है थोड़ी देर बाद करन भी शाॅप पर आ जाता है और थोड़ी देर तक बाहर शाॅप का काम देखने के बाद करण भी अंदर आकर समीरा के पास बैठ जाता है और उससे बात करने लगता है.....


    कल तुम ज्यादा लेट तो नहीं हुई थी ना घर पहुंचने में?? करण ने पूछा

अरे नहीं तुमने टाइम से घर ड्रॉप कर दिया था और मैं जल्दी में तुम्हें थैंक्स भी नहीं बोल पाई - समीरा ने कहा

   कोई बात नहीं अब बोल दो- करण मुस्कुराता हुआ बोला

थैंक्यू करण और सॉरी भी..... समीरा की बात बीच में काटते हुए ही करण बोल पड़ा अरे अब सॉरी किस लिए???

    वह कल तुम्हें हर्ट करने के लिए मुझे तुमसे नहीं पूछना चाहिए था....... - समीरा बोल ही रही थी कि करण ने अपनी उंगली उसके होंठों पर रख दिए और उसे बोला चुप बिलकुल चुप उसके लिए तुम्हें सॉरी बोलने की कोई जरूरत नहीं है तुमने मुझे बिल्कुल हर्ट नहीं किया बल्कि तुमसे शेयर करके मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा है यू आर वेरी स्पेशल समीरा.....

   रियली करण ???समीरा ने हैरान होते हुए करण की तरफ देख कर कहा

हां और नहीं तो क्या तुम्हें लगता है मैं तुमसे झूठ बोल रहा हूं- कहकर करन उससे दूर जाने लगता है तो वो उसका हाथ पकड़ लेती है और उससे कहती है तुम मुझसे हमेशा हर बात शेयर कर सकते हो कराएं आई एम ऑलवेज देयर फॉर यू....

    समीरा की यह बात सुनकर करण उसको गले लगा लेता है तभी अचानक अजय भी किसी काम से दुकान के अंदर आता है और उन दोनों को ऐसे गले लगे देख कर झूठे ही खांसने  लगता है.....

    अजय की आवाज सुनकर समीरा और करण जल्दी से एक दूसरे से दूर हट जाते हैं और समीरा बुक इधर-उधर रखने लगती है.....

   उन दोनों को ऐसे हड़बड़ाते हुए देखकर अजय हंसते हुए बोलता है प्लीज बी कंटिन्यू मैंने कुछ नहीं देखा मैं तो कुछ काम से आया था बस जा रहा हूं..... इतना कहकर अजय हंसता हुआ बाहर आकर बैठ जाता है उसे ऐसे हंसता देखकर पुनीत उससे पूछता है कि क्या हुआ???

   तो अजय उससे कहता है कुछ नहीं बस गलत टाइम पर अंदर जाकर उन्हें डिस्टर्ब कर दिया और फिर से हंसने लगता है और पुनीत सब समझ जाता है और बोलता है चलो अच्छा है उन दोनों का कुछ तो हुआ.....

    जब तक दुकान पर कुछ ग्राहक किताब खरीदने आते हैं और समीरा उन्हें किताबे दिखाने चली जाती है और करण वहीं चेयर पर बैठा उसे घूर घूर कर देखता रहता है..... जब सारे लोग बुक खरीद कर चले जाते हैं तो समीरा वापस करन की तरफ आती है और उसे खुद को ऐसे घूरता हुआ पाकर गुस्से से उसकी तरफ देखती हुई पूछती है- "क्या हुआ ?? अब तुम ऐसे क्यों घूर रहे हो" और गले लगाने से पहले इधर उधर देख नहीं सकते थे क्या???

    अरे क्या हो गया यार इतना क्यों भड़क रही हो सिर्फ अजय ने ही तो देखा है वैसे भी वह हम दोनों का फ्रेंड है, डोंट वरी हग ही तो किया था कौन सा किस कर रहे थे - करण ने मस्ती में बोल दिया

    लेकिन समीरा उसकी इस बात पर शरमा गई और मन में सोचने लगी कुछ भी बोलता है यह करण...... पागल है बिल्कुल......

फिर उसकी तरफ देखते हुए बोली- अच्छा जी कुछ ज्यादा ही नहीं सपने देखने लगे हैं आप वह तो इमोशनल होकर गले लगा दिया एक दो बार तुम तो किस तक पहुंच गए......

   अच्छा क्यों नहीं पहुंच सकता किस तक ??? आप से परमिशन लेनी पड़ेगी क्या उसके लिए - करण ने हंसते हुए कहा

    तुम बहुत बेशर्म हो गए हो करन जाओ यहां से मुझे काम करने दो - कहकर समीरा उसे दुकान में बाहर की तरफ धकेल देती है

   अरे ऐसा भी क्या बोल दिया मैंने जो मुझे मेरी ही शॉप से बाहर निकाल रही हो मैं नहीं जाऊंगा मैं बॉस हूं - इतना कहकर कर्म वहीं उनकी चेयर पर बैठ गया

  अच्छा ठीक है मत जाओ बैठे रहो यही तुम्हारी मर्जी मैं जा रही हूं काम करने मुझे बहुत काम है मैं तुम्हारी तरह बॉस नहीं एंप्लॉय हूं- कहकर समीरा वापस बुक्स संभाल कर रखना वही जो कि उसका काम है

  हां तो ठीक है तुम अपना काम करो ना मैंने कब रोका तुम्हें- करन उसे चिढ़ाते हुए बोलता है.......

    समीरा को करण की इन प्यारी हरकतों का प्यार भी आ रहा था और गुस्सा भी और जो पहली बार करण के इतना खुश देख रही थी वह जानती थी कि जब करन उसके साथ रहता है तो खुश रहता है और करन को खुश देखकर समीरा को भी खुशी होती है......

ऐसे ही 10 से 15 दिन बीत जाते हैं समीरा और करन दोनों को ही एक दूसरे का साथ बहुत पसंद आता है और अगर एक भी दिन उन्होंने कोई दूसरे के दिन गुजारना पड़ता है तो वह बहुत बेचैन हो जाते उन दोनों को इस बात का एहसास हो चुका था कि उन दोनों के बीच जो कुछ भी है वह दोस्ती से कहीं ज्यादा बढ़कर है लेकिन अभी तक किसी ने भी अपने प्यार का इजहार नहीं किया था और समीरा तो करन के बोलने के इंतजार में थी......

लेकिन करन उसे खोने से बहुत डरता था इसीलिए वह नहीं चाहता था कि वह उसे अपने दिल की बात बताएं और अगर कहीं समीरा ने मना कर दिया तो फिर वह दोनों दोस्त भी नहीं रह पाएंगे कुछ भी पहले जैसा नहीं रह पाएगा और बोल वापस अपने गम में डूब जाएगा वैसे भी अब उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं बचा था अब सिर्फ समीरा ही थी जिसे वह बहुत ज्यादा चाहता था उसे वह किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहता था।।।

    समीरा के जाने के बाद एक दिन करण अजय और पुनीत तीनों एक साथ बैठे हुए थे, तो पुनीत करन से पूछता है कि - और बता यार तू समीरा को कब प्रपोज कर रहा है।।।

    एकदम अचानक से यह सवाल सुनकर करण एकदम  
सकपका जाता है और झूठ बोलते हुए कहता है- अरे यार तुम दोनों को जरूर कुछ गलतफहमी हुई है हम दोनों में ऐसा कुछ भी नहीं है और जब ऐसा कुछ है ही नहीं तो फिर भला मैं उसे क्यों प्रपोज करूं???

    यह सुनकर पुनीत समझ जाता है कि करण झूठ बोल रहा है और वह इतनी आसानी से अपने दिल की बात नहीं कुबूल करने वाला तो उसके दिमाग में तुरंत एक आईडिया आता है वाह करण की तरफ देखते हुए कहता है थैंक गॉड मैं तो बस कंफर्म कर रहा था अच्छा हुआ तुम दोनों के बीच ऐसा कुछ नहीं है यह अजय है ना यह मन ही मन समीरा को पसंद करने लगा है तो अब इसका रास्ता क्लियर हो गया........

एकदम से सारा इल्जाम अजय पर लगा देने से अजय एकदम हैरानी से आंखें बड़ी करके पुनीत की तरफ देखने लगता है जैसे कि कहना चाह रहा हो अरे यार मेरी क्या गलती है मुझे क्यों फंसा रहे हो इन सब में......वह कुछ बोलने वाला ही होता है कि तभी पुनीत उसे आंख मार के चुप रहने का इशारा करता है और करण के रिएक्शन का वेट करता है।।।

पुनीत की आवाज सुनकर करण एकदम से चिल्लाकर बोलता है पागल हो क्या यार तुम दोनों भाभी है वह तुम्हारी कभी ऐसी नजर से देखना भी मत उसे और हां क्या कह रहा है अजय कहकर अजय की तरफ बढ़ता है.....

   उसके इस रिएक्शन पर पुनीत और अजय बड़ी मुश्किल से अपनी हंसी कंट्रोल करते हैं और पुनीत करण को पकड़ते हुए कहता है क्यों क्या हो गया जब तेरे और समीरा के बीच ऐसा कुछ है ही नहीं तो फिर उसे अजय पसंद करें या मैं तुझे क्यों फर्क पड़ता है???

पुनीत की यह बात सुनकर करण को अपनी गलती का एहसास होता है तो वह उससे कहता है - हां यार तुम लोग बिल्कुल सही समझ रहे हो रहे हो मैं उसे बहुत पसंद करता हूं पसंद क्या पसंद से भी बहुत ज्यादा मैं उससे प्यार करता हूं और सारी जिंदगी उसके साथ ही बिताना चाहता हूं उसके बिना मैं अपनी लाइफ इमेजिन भी नहीं कर सकता।।।

   इस पर अजय नाटक करते हुए कहता है बस कर साले रुलाएगा क्या हम दोनों जानते हैं और हां मैं समीरा को पसंद  नहीं करता वह तो बस यह पुनीत का बच्चा झूठ बोल रहा था तेरे दिल की बात जुबान पर लाने के लिए और देख हमारा प्लान वर्क भी कर गया तुने भी सब सच बोल डाला......

उन दोनों की यह सब बातें सुनकर करण थोड़ा इमोशनल हो जाता है और उन दोनों को एक साथ गले लगा लेता है इस पर पुनीत फिर उसे छेड़ते हुए कहता है अब हम दोनों को छोड़ और जिस से इतना प्यार करता है जाकर उसे गले लगा नहीं तो अगर उसकी शादी कहीं और हो गई तो फिर खाना खाने पहुंच जाना।।।

   साले तू नहीं सुधरेगा- करण पुनीत की तरफ देख कर कहता है।।।

हां लेकिन तुझे सुधारने वाली तो आ गई है ना तेरी जिंदगी में तो अब उसे अपनी जिंदगी बना ले हमेशा के लिए हम दोनों का गुडलक हमेशा तेरे साथ है- पुनीत और अजय एक साथ बोलते हैं.....

अच्छा ठीक है कल उसे आने तो दो यहां फिर बता दूंगा- करण उन दोनों से कहता है......

अच्छा तो तू उसे यही प्रपोज करेगा जहां पर तू बॉस है और वह तेरी एंप्लॉय यार तू ना बिल्कुल पागल ही रहेगा हमेशा कुछ अच्छा सा सरप्राइस प्लान करना उसके लिए कुछ ऐसा जिससे उसे स्पेशल भी फील हो- अजय ने सुझाव दिया

   हां कुछ ऐसा दी करना जिससे वह तेरा प्रपोजल इंकार ना कर पाए कुछ बिल्कुल डिफरेंट- पुनीत ने भी आईडिया दिया

अच्छा ठीक है ठीक है सोचता हूं देखता हूं क्या स्पेशल करूं अपनी स्पेशल वन के लिए - इतना कहकर करन भी समीरा के बारे में सोचकर नहीं खड़ा-खड़ा मुस्कुराने लगता है,

  तो उसे ऐसे ही मुस्कुराते देखकर अजय और पुनीत फिर से करण को छोड़ने लगते हैं और उसे कहते हैं अब यह भाई साहब तो गए काम से पुनीत बोलता है उसकी इस बात पर तीनों दोस्त खिलखिला कर हंसने लगते हैं......



जारी......
     

  


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4 Comments

Seema Priyadarshini sahay

15-Mar-2022 06:10 PM

बहुत खूबसूरत

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The story

14-Mar-2022 07:59 PM

Good story

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Gunjan Kamal

14-Mar-2022 12:19 PM

Nice 🙂

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